छत्तीसगढ़ में 14,580 पदों पर शिक्षकों की होगी भर्ती, सरकार ने जारी किया आदेश
स्कूल शिक्षा विभाग ने विभिन्न संवर्गों में 14 हजार 580 पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए आदेश जारी कर दिया है। कोरोना काल में शिक्षक अभ्यर्थियों को तोहफा देते हुए वित्त विभाग ने इसकी सहमति दे दी है। सरकार का आदेश था कि किसी भी नियुक्ति के लिए कोरोना काल में वित्त विभाग की सहमति जरूरी है। नियुक्ति के लिए शिक्षक अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे थे। इस मामले को नईदुनिया ने प्रमुखता से उठाया था। लिहाजा इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अफसरों से सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी थी। स्कूल शिक्षा के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने बताया कि राज्य सरकार ने नियुक्ति से लेकर प्रमाण पत्र सत्यापन तक के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। राज्य सरकार ने नियुक्ति को लेकर आठ अलग-अलग बिंदु तैयार किए हैं। शिक्षकों की नियुक्ति पहले तीन साल की परिवीक्षा अवधि की होगी।
व्यापमं (छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल) की मेरिट सूची से भर्ती, कार्यालय बुलाकर दस्तावेजों का सत्यापन, मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र, नियुक्तिकर्ता अधिकारी कार्यालय से दस्तावेज सत्यापन, सत्यापन के लिए लिखित सूचना देंगे, पुलिस जांच होगी। नियुक्ति आदेश अलग-अलग जारी होंगे और वरिष्ठता का निर्धारण व्यापमं की मेरिट सूची के आधार पर होगा।
व्यापमं ने ली थी परीक्षा
बता दें कि प्रदेश में 14 हजार 580 पदों पर शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था। व्यापमं की परीक्षा के बाद 30 सितंबर से 22 नवंबर, 2019 तक परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए थे। मेरिट सूची के आधार पर नियुक्ति होनी थी, लेकिन कोरोना की वजह से नियुक्तियां नहीं हो पाई थीं। इसे लेकर शिक्षक अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन भी किया था।
इसके पहले बढ़ाई थी पात्रता की अवधि
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रस्तावित 14 हजार, 580 शिक्षकों के पदों पर भर्ती के लिए व्यापमं से प्राप्त परीक्षाफल सूची की वैधता को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया था। आदेश में उल्लेख किया गया था कि लोक शिक्षण संचालनालय ने नौ मार्च, 2019 को 14 हजार, 580 पदों पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस विज्ञापन में यह उल्लेख था कि व्यापमं से प्राप्त परीक्षाफल सूची, परीक्षाफल जारी होने के दिन से एक वर्ष तक वैध होगी, अतः कोरोना संक्रमण काल में नियुक्ति नहीं हो पाने से पात्रता की अवधि एक साल बढ़ाई जाती है। इस आदेश के बाद भी अभ्यर्थी अधिक परेशान थे। उन्हें लग रहा था कि उनकी पात्रता ही खत्म हो जाएगी। फिलहाल सरकार के इस आदेश के बाद अभ्यर्थियों ने राहत की सांस ली है।