अमृता देवी बलिदान दिवस को भारतीय मजदूर संघ राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया गया..

अमृता देवी बलिदान दिवस को भारतीय मजदूर संघ राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया गया..

प्रत्येक वर्ष 28 अगस्त अमृता देवी बलिदान दिवस को भारतीय मजदूर संघ राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण दिवस के रूप में विभिन्न कार्यक्रम जैसे जागरूकता अभियान, संगोष्ठी का आयोजन वृक्षारोपण कर मनाता है!
इस कड़ी में आज जिला भारतीय मजदूर संघ के तत्वावधान में खदान मजदूर संघ , राजहरा द्वारा
कार्यालय में संगोष्ठी एवं वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया इस अवसर पर जिला मंत्री मुश्ताक अहमद अंसारी ने कहा कि आज से करीब 29 वर्ष पूर्व राजस्थान के नागौर स्थित खेजड़ी गांव में हरे भरे पेड़ों को बचाने के लिए एक मुहिम चली थी।जिसमें 363 लोगों ने अपनी जान दे दी थी हुआ यूं कि 1738 में नागौर जिले के खेजड़ी गांव में महाराजा अभयसिंह द्वारा महराणगढ़ किले में फूल  महल नाम का राज भवन बनाया जा रहा था इसके लिए लकड़ी की आवश्यकता पड़ी तो राजा के सिपहसालार एवं सैनिक राजस्थान के सर्वाधिक हरे-भरे गांव एवं जंगल खेजड़ी गांव पहुंचे, जहां बिश्नोई समुदाय प्रकृति को पेड़ पौधों को ईश्वर तुल्य मानता वह पूजता,सबसे पहले अमृता देवी बिश्रोई ने सिपाहियों को पेड़ काटने से रोका सिपाही नहीं माने तो वहां पेड़ से चिपक गई जिसके पश्चात सिपाहियों ने उन्हें पेड़ के साथ काट दिया, उसके पश्चात अमृता देवी की तीन पुत्रियों ने पेड़ को बचाने के लिए पेड़ से चिपक सिपाहियों द्वारा काटे जाकर अपना बलिदान दिया धीरे-धीरे आस-पास के गांव में यह खबर आग की तरह फैली और लोग खेजड़ी गांव आकर पेड़ों को बचाने को लेकर 363 ग्रामवासी शहीद हो गए, पेड़ों को बचाने के लिए समाज के इस त्याग व पर्यावरण संरक्षण तथा इतनी बड़ी संख्या में शहादत दिए जाने की मिसाल इतिहास में कहीं नहीं मिलती। पेड़ों को बचाने के लिए  बलिदान की सच्ची व्यथा कथा को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया गया।

इस अवसर पर केन्द्रीय महामंत्री  खदान मजदूर संघ  एम  पी सिंग* ने कहा कि हमारा वजूद भी तभी तक है जब तक प्रकृति का संतुलन है अतः यहप्रकृति का पोषण ,पालन ,संवर्धन हमारा प्रथम दायित्व है सिंग ने बताया कि आज भारतीय मजदूर संघ द्वारा बालोद जिले के समस्त इकाइयों में इस पर्यावरण कार्यक्रम को मनाया जा रहा है।

राजहरा खदान के अध्यक्ष *किशोर कुमार मायती* ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ों को बचाना ,व निरंतर पेड़ों का रोपण करना जरूरी है। प्रकृति के साथ इस कदर ज्यादती की जा रही है कि जल्द ही इसे नहीं रोका गया तो मानव जीवन खतरे में पड़ जाएगा ।भयानक बाढ़, ओलावृष्टि, अति सर्दी ,कभी गर्मी ,भूकंप ,तूफान ,सुनामी जैसे प्राकृतिक प्रकोप भी प्रकृति से छेड़छाड़ का ही परिणाम है अतः हम सब को हमारा प्रथम दायित्व के रूप में पर्यावरण की रक्षा करना है।

इस अवसर पर राजहरा  यूनियन के जनरल सेक्रेटरी लखन लाल चौधरी ने कहा कि खेजड़ी आंदोलन में इतिहास का एकमात्र ऐसा आंदोलन है जिसमें वृक्षों की कटाई को देखकर अमृता देवी एवं ग्रामवासियों ने अपनी जान तक निछावर कर दी ।ऐसे वीरों के बारे में उन्होंने विस्तार में बताया ,साथ ही कहा कि आज का दिन हम सब अमृता देवी के शहादत को याद करने के लिए पर्यावरण संरक्षण ,वृक्षारोपण का कार्य करते हैं। लेकिन अमृता देवी के प्रति ,प्रकृति के प्रति ,आने वाली पीढ़ी के प्रति उनकी शहादत को याद करते हुए हमें निरंतर पर्यावरण के प्रति जागरूक रहते हुए पर्यावरण संतुलन के लिए कार्य करते रहना है।

 अंत में  जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने अमृता देवी को शत-शत नमन करते हुए उनके द्वारा कही सिर साठे रुक रहे तो भी सस्ता जाण"
उक्ति से हमें प्रेरणा लेते हुए निरंतर पर्यावरण बचाने उनके संवर्धन के लिए कार्य करते रहना है।

कार्यक्रम पश्चात सभी उपस्थित जनों द्वारा वृक्षारोपण किया गया । सर्वप्रथम आयुर्वेद उद्यान वार्ड क्रमांक 01 में वृक्षारोपण किया गया उसके बाद कला मंदिर के प्रांगण में वृक्षारोपण किया गया और उसके बाद श्री राम मंदिर के सामने वृक्षारोपण किया गया।ईस पुरे कार्यक्रम में खदान मजदूर संघ राजहरा के पदाधिकारी एवं सदस्य गण आदि उपस्थित थे।

मुश्ताक अहमद अंसारी
जिला मंत्री भारतीय मजदूर संघ
बालोद