जिला जेल बालोद में किया गया वृहद जेल लोक अदालत का आयोजन न्यायिक मजिस्ट्रेट सहित जिले के चारों राजस्व अनुविभागी अधिकारियों के बनाए गए खंडपीठ

जिला जेल बालोद में किया गया वृहद जेल लोक अदालत का आयोजन न्यायिक मजिस्ट्रेट सहित जिले के चारों राजस्व अनुविभागी अधिकारियों के बनाए गए खंडपीठ
जिला जेल बालोद में किया गया वृहद जेल लोक अदालत का आयोजन न्यायिक मजिस्ट्रेट सहित जिले के चारों राजस्व अनुविभागी अधिकारियों के बनाए गए खंडपीठ

 

जिला जेल बालोद में किया गया वृहद जेल लोक अदालत का आयोजन न्यायिक मजिस्ट्रेट सहित जिले के चारों राजस्व अनुविभागी अधिकारियों के बनाए गए खंडपीठ

बालोद :- छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्देशानुसार राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन एवं प्रचार प्रसार हेतु आज राज्य स्तरीय जेल लोक अदालत का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति  गौतम भादुड़ी द्वारा केन्द्रीय जेल रायपुर से किया गया। इसके परिपालन में आज जिला जेल बालोद में भी वृहद जेल लोक अदालत का आयोजन किया गया।

इसके अंतर्गत जिला व सत्र न्यायालय बालोद से भी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बालोद सुश्री आस्था यादव का 1 खण्डपीठ के अलावा जिले के चार राजस्व अनुविभाग बालोद, गुण्डरदेही, डौण्डीलोहारा एवं गुरूर के अनुविभागीय अधिकारियों के 4 खण्डपीठ बनाया गया था।

इस अवसर पर सत्र न्यायाधीश बालोद डॉ. प्रज्ञा पचौरी तथा कलेक्टर कुलदीप शर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती श्यामबती मरावी, एडिशनल एसपी श्री हरीश राठौर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुमन सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

वृहद जेल लोक अदालत के शुभारंभ के पश्चात् प्रत्येक कार्यदिवस वाले शनिवार को जिला न्यायालय बालोद से एक खण्डपीठ न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की जेल अदालत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बालोद के सहयोग से आयोजित की जाएगी।

वृहद जेल लोक अदालत में आज राजस्व न्यायालय के खण्डपीठों के माध्यम से प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियों के अधीन निरूद्ध विचाराधीन बंदियों के द्वारा स्वेच्छापूर्वक जुर्म स्वीकारोक्ति करने पर उनके द्वारा बिताई गई अवधि की सजा को पर्याप्त मानते हुए रिहा किया गया।

इसी प्रकार जिला एवं सत्र न्यायालय बालोद द्वारा गठित खण्डपीठ द्वारा कुल 6 प्रकरणों को जेल लोक अदालत हेतु रखा गया।

जिसमें से 3 प्रकरणों में विचाराधीन बंदियों द्वारा स्वेच्छापूर्वक जुर्म स्वीकार किये जाने पर खण्डपीठ द्वारा दोषसिद्धी का निर्णय पारित कर जितनी अवधि विचाराधीन बंदी द्वारा विचारण के दौरान व्यतित की गई है, उतनी अवधि की सजा सुनाते हुए सजा समायोजित कर संबंधित विचाराधीन बंदियों को जिला जेल बालोद से रिहा किया गया।

रिपोर्ट :- अरुण उपाध्याय बालोद