युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं भारत के संतों का यही कथन ,,,,,,,, श्री राम बालक दास जी
प्रतिदिन ऑनलाइन सत्संग का आयोजन संत श्री राम बालक दास जी के द्वारा उनके विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप में एक साथ प्रातः 10:00 से 11:00 बजे 1 घंटे आयोजित किया जाता है जिसमें सभी भक्तगण जुड़कर अपनी विभिन्न विचारों का आदान-प्रदान तो करते हैं और अपनी जिज्ञासा का समाधान भी प्राप्त करते हैं साथ ही विभिन्न भजनों से प्रतिदिन आनंद प्राप्त करते हैं तो समसामयिक घटनाओं पर भी विचार विमर्श होता है आज की परिचर्चा में विश्व की भयावाह परीस्थिति युद्ध ,,,
जिससे कि रूस और यूक्रेन आज गुजर रहा है उस पर विचार विमर्श किया गया और बाबा जी ने इतिहास को देखते हुए इस पर अपने विचार भी व्यक्त किये और समाधान भी प्रस्तुत किया
पुरुषोत्तम अग्रवाल जी ने विचार रखा की युद्ध किसी भी समस्या का हल नहीं बल्कि भयंकर विनाश का कारक है। शांति का मार्ग ही मानव तथा देश के लिये श्रेयष्कर है। और बाबा जी से इस पर उनके विचार व्यक्त करने का आग्रह किया
इस विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बाबा जी ने बताया कि सत्य ही युद्ध किसी भी समस्या का हल नहीं यह बात गौतम बुद्ध ने प्रधान रूप से कही है" अहिंसा परमो धर्म:"के प्रवर्तक महावीर स्वामी जी ने इस विषय पर जैन ग्रंथों में बहुत प्रकाश डाला गौतम बुद्ध जी ने सम्राट अशोक का हृदय परिवर्तन करके उस समय होने वाले भीषण युद्ध को रोका, उनके विचारों ने ही आज पूरे विश्व में उन्हें भगवान की उपाधि प्रदान की है, उनके अहिंसा विचारों के कारण हैं पूरे विश्व के 56 देशों में उनकी पूजा होती है भारत के महान संत भगवान गौतम बुद्ध जी युद्ध के विषम परिस्थितियों से उबारने के लिए ही जाने जाते है, परंतु कभी-कभी धर्म की रक्षा के लिए युद्ध का सहारा भी लेना होता है जो कि भगवान श्री कृष्ण भगवान राम के द्वारा धर्म की रक्षा हेतु किया गया, ऐसा नहीं कि श्री राम प्रभु और श्री कृष्ण जी ने युद्ध को रोकने के लिए प्रयास नहीं किये भगवान श्रीराम ने भी अंगद को दूत बनाकर रावण के पास भेजा और भगवान श्री कृष्ण ने भी स्वयं शांतिदूत बनकर युद्ध को रोकने के लिए प्रयास किए परंतु जो होना है वह होता है और युद्ध हुआ और हमारा भारत वर्ष भी इस से शुद्ध हुआ
वर्तमान मैं घटित अप्रत्याशित घटना यूक्रेन और रूस के युद्ध पर परिचर्चा को आगे बढ़ाते हुए बजरंग साहू जी मुसरा ने अपने विचार रखे की, आज इस युद्ध के कारण पूरा विश्व ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे तीसरा विश्व युद्ध छिड़ने वाला है और सारे संतगन भी इस स्थिति को लेकर व्यथित हैं और सभी का मानना है कि यदि तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो चौथे विश्व युद्ध होना ही नहीं है क्योंकि चौथे विश्व युद्ध के लिए कोई जनता जनार्दन बचेगी ही नहीं
संत श्री ने युद्ध पर विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि शांति और क्रांति दोनों ही किसी भी समस्या का समाधान नहीं है देश काल के अनुसार जो भी निर्णय धर्म के पक्ष में हो उसे लेकर के उस स्थिति का मनुष्य को तुरंत आचरण करना चाहिए कभी-कभी शांति के बाद क्रांति होती है तो कभी कभी क्रांति के बाद शांति होती है, लेकिन यह पूरी तरह से समय पर निर्भर होता है
ग्रुप में उपस्थित सभी भक्त भाई बहनों ने इस विकट परिस्थिति में चिंता व्यक्त करते हुए ईश्वर से कामना कि ,, यह युद्ध जल्दी ही विराम हो जाए ताकि विश्व को और ज्यादा कष्ट एवं हानियों से ना गुजरना पड़े, ऐसा बिल्कुल नहीं है कि 2 देशों में ही युद्ध होता है यह पूरे विश्व को प्रभावित करता है इसीलिए इस युद्ध का विराम हो जाना एवं शांति वार्ता का स्थापित होना और समस्या का हल निकलना ही चाहिए और इस तरह से आज का सत्संग गंभीर परिचर्चा को लेकर संपन्न हुआ
रिपोर्ट //नरेंद्र विश्वकर्मा