खाद संकट पर अनावश्यक राजनीति कर रहे कांग्रेस विधायक, 70 प्रतिशत खाद निजी डिस्ट्रीब्यूटरों के पास कैसे पहुंच रहे : पुष्पेंद्र चंद्राकर

खाद संकट पर अनावश्यक राजनीति कर रहे कांग्रेस विधायक, 70 प्रतिशत खाद निजी डिस्ट्रीब्यूटरों के पास कैसे पहुंच रहे : पुष्पेंद्र चंद्राकर
खाद संकट पर अनावश्यक राजनीति कर रहे कांग्रेस विधायक, 70 प्रतिशत खाद निजी डिस्ट्रीब्यूटरों के पास कैसे पहुंच रहे : पुष्पेंद्र चंद्राकर

खाद संकट पर अनावश्यक राजनीति कर रहे कांग्रेस विधायक, 70 प्रतिशत खाद निजी डिस्ट्रीब्यूटरों के पास कैसे पहुंच रहे : पुष्पेंद्र चंद्राकर 

बालोद // खरीफ सीजन में किसानों को रासायनिक खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर कांग्रेस विधायक कुँवरसिंह निषाद रासायनिक उर्वरकों की कमी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता इसे राज्य सरकार की नाकामी बता रही है। कुल मिलाकर कहें तो खाद संकट पर भाजपा -कांग्रेस में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। जिले में खाद संकट पर गुंडरदेही के कांग्रेस विधायक कुंवरसिंह निषाद के आरोपों पर भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र चंद्राकर ने पलटवार करते हुए इसे राज्य सरकार की नाकामी और मिलीभगत से निजी डिस्ट्रीब्यूटरों को आबंटित करने का आरोप लगाया। भाजपा नेता पुष्पेंद्र चंद्राकर ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य को आबंटित 70 प्रतिशत खाद निजी हाथों में कैसे पहुंच गए ? यह सब कांग्रेस सरकार और सरकार के प्रतिनिधियों की सांठगांठ के बिना संभव नहीं हो सकती। प्रदेश की कांग्रेस सरकार व उनके विधायक किसान हितैषी होने का अनर्गल प्रलाप करते हैं लेकिन किसानों की समस्याओं को सुध लेने की उनकी फुर्सत नहीं है उल्टे अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए केंद्र सरकार पर तथ्यहीन दोषारोपण कर रही है। 

केंद्र सरकार 2400 रुपये कीमत वाली डीएपी खाद पर 1100 रुपये सब्सिडी देकर किसानों को 1300 रुपये में उपलब्ध करा रही है इसी प्रकार 1200 रुपये की यूरिया खाद पर 944 रुपये की सब्सिडी देकर किसानों को मात्र 266 रुपये में उपलब्ध करा रही है। किसानों के हित में केंद्र सरकार सदा खड़ी हुई है, कांग्रेस विधायक कुंवरसिंह जी बताये की उनकी पार्टी की राज्य सरकार किसानों के लिए खाद पर कितनी सब्सिडी दे रही है।

किसानों को सोसायटियों के माध्यम से प्रदान किए जाने वाले खाद को प्रदेश सरकार के चुनिंदा भंडारणकर्ताओं द्वारा डंप कर दिया गया और 70 प्रतिशत खाद को निजी डिस्ट्रीब्यूटरों को पहुँचाया जा रहा है और मात्र 30 प्रतिशत खाद को सोसायटी में दिया जा रहा है, जिससे किसानों को समय पर उचित मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं हो रहा है और उसे निजी डिस्ट्रीब्यूटरों के पास से अधिक कीमतों पर खाद खरीदने के लिए विवश होना पड़ रहा है। इस परिस्थितियों को निर्मित करने के जिम्मेदार केवल कांग्रेस सरकार है और कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों की भंडारणकर्ताओं से साठगांठ है। कांग्रेस के विधायक अपनी जिम्मेदारी से भाग कर केंद्र सरकार पर दोषारोपण कर अनावश्यक राजनीति कर रही है जबकि उन्हें किसानों की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। 

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