छत्तीसगढ़ सरकार गांव में भी दे रहे रोजगार शासन द्वारा बेहतरीन पहल...वर्षारानी राजू चंद्राकर

छत्तीसगढ़ सरकार गांव में भी दे रहे रोजगार शासन द्वारा बेहतरीन पहल...वर्षारानी राजू चंद्राकर
छत्तीसगढ़ सरकार गांव में भी दे रहे रोजगार शासन द्वारा बेहतरीन पहल...वर्षारानी राजू चंद्राकर

छत्तीसगढ़ सरकार गांव में भी दे रहे रोजगार शासन द्वारा बेहतरीन पहल...वर्षारानी राजू चंद्राकर

 बालोद// छत्तीसगढ़ सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम सुराज के उद्देश्यों पर ही आगे बढ़ते हुए काम कर रही है। बापू के सपनों को साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ में निरंतर प्रयास हो रहे हैं। राज्य सरकार की नीतियों में गांवों को सुदृढ़ करना शामिल है। वहीं छत्तीसगढ़ में गांवों के साथ ही गरीब, मजदूर, किसान, महिला, बच्चे और बुजुर्ग हर वर्ग को मजबूती एवं राहत देने के लिए काम किया जा रहा है। उक्त कथन पार्षद वर्षारानी चन्द्राकर एवं पूर्व नपं अध्यक्ष के.के. राजु चन्द्राकर ने विशेष चर्चा में कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री भुपेष बघेल एवं सभी मंत्रीगणों द्वारा अपने कार्यकाल के प्रथम दिवस ही छत्तीसगढ़ वासियों के मूलभूत सुविधाओं की पूति के साथ ही कर्ज, ऋण से पीड़ितों को मुक्त करने का कार्य्र कर रहा है जो निरंतर जारी है।

छत्तीसगढ़ प्रदेष का वर्तमान मुखिया जो किसान है गरीब, किसान, महिला, मजदूरों आदि के आर्थिक स्वालंबन बढ़ाने के लिए गॉव में गॉव-धर में ही रोजगार उपलब्ध करा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना जिसका सामान्य भाषा में ग्रामीण औद्योगिक संस्थान के माध्यम से संचालित आजीविका मूलक गतिविधियों से स्व-सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो रही हैं, रोजगार और आमदनी का साधन मिलने से परिवार में हमारा सम्मान बढ़ा है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश के सरकार द्वारा अपने मुख्य नारा नरवा, गरवा, घुरवा अऊ बारी का वास्तविक अर्थ है गांव घर में ही रोजगार उपलब्ध है, रोजी-मजदूरी के लिए पलायन की आवष्यकता नही है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के चयनित गौठानों को आजीविका के केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए वहां महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क बनाए जा रहे हैं।

इन पार्कों को ग्रामीण उत्पादन एवं सेवा केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। जिले के सभी विकासखण्ड में दो रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनेंगे।

चालू वित्तीय वर्ष के बजट में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के लिए 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में गौठनों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है।

प्रथम चरण में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किए जा रहे हैं। गौठनों में वर्मीकम्पोस्ट, मुर्गी पालन, बकरी पालन, कृषि उत्पादों और वनोपजों के प्रसंस्करण के कार्य किया जा रहे हैं। इन गतिविधियों में बड़ी संख्या में स्वसहायता समूह की महिलाओं और युवाओं को रोजगार और आय के अवसर मिल रहे हैं। प्रथम चरण में प्रत्येक विकासखण्ड में 2 रीपा स्थापित किये जायेंगे। महिला समूह पहले वर्मी खाद बना रही थीं, अब रीपा के माध्यम से अन्य गतिविधियां भी संचालित की जाएंगी।

आजीविका मूलक 4 गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, मशरूम पालन, अचार-पापड़, बड़ी बनाने का कार्य किया जा रहा है। चरवाहे गोबर बेचकर घर, वाहन, बेटा- बेटियों की शिक्षा, विवाह कर रहे है, भूमिहीन न्याय योजना की राशि मिल रही है। गोठान में 2 साल से महिलाएं काम कर रही हैं, गोबर से पेंट बनाने का कार्य अब रीपा में करेंगी, पहले जमीन लीपने के काम गोबर आता था, अब दीवार पेंट करने के काम गोबर आएगा, ग्रामीण खुश है कि उन्हें उनके गांव में इतने काम हो रहे हैं, पहले घर तक सीमित थी महिलाएं, अब घर में भी सम्मान मिल रहा है, आत्मविश्वास बढ़ा है।

बलौदाबाजार में 10 रीपा की स्थापना की जा रही है, इस जिले के लटुवा गौठान के नेमि वर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे टमाटर कैचप बनाएंगी, मुख्यमंत्री ने उन्हें शुभकामनाएं दी। उन्होंने अब वे लोग बारदाना और मिट्टी का बर्तन भी बनाएंगे।

यदि रीपा में बारदानें बनाने की गतिविधि प्रारंभ होगा इससे शासकीय जरूरत पूरी होगी। साथ ही रोजगार और आय के साधन भी बढ़ेंगे।