बेटी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? जानें ख़बर में

बेटी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? जानें ख़बर में
बेटी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? जानें ख़बर में

बेटी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? जानें ख़बर में

 भारत और दुनिया के कई देशों में बेटियों की दशा में सुधार लाने और इन्हें बेटों जितना सम्मान और अधिकार देने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने के मकसद से हर साल 24 सितम्बर को राष्ट्रीय बेटी दिवस यानि ‘National Daughter’s Day‘ मनाया जाता है। यह दिन बेटियों को प्यार जताने के लिए बेहद ही खास होता है।

 बेटी दिवस कब मनाया जाता है?

हर साल सितंबर का चौथा रविवार बेटी दिवस (Daughter’s Day) के रूप में मनाया जाता है। इस साल 2023 में यह दिन 24 सितंबर को मनाया जा रहा है। डॉटर्स डे के दिन उन्हें Gifts और तोहफ़े दिए जाते हैं और पूरा दिन अच्छे से Celebrate किया जाता है। डॉटर्स डे मनाए जाने की शुरुआत का इतिहास में कोई उल्लेख नहीं मिलता और ना ही कोई ऐसा दिन अंकित किया गया है जो बेटी दिवस की शुरुआत का प्रतीक है।

बेटियों के लिए मनाया जाने वाला यह दिन विभिन्न देशों में अलग-अलग दिन मनाया जाता है। लेकिन, World Daughters Day (विश्व बेटी दिवस) 28 सितंबर को मनाया जाता है।

 क्यो मनाया जाता है बेटी दिवस?

यह दिन हर एक व्यक्ति को यह याद दिलाने का दिन है कि आपकी बेटी आपके जीवन में और आपके लिए क्या मायने रखती है और वह आपके लिए कितनी ज्यादा कीमती है।

साथ ही समाज में फैली कुरीतियों जैसे बाल विवाह, भ्रूण हत्या (बेटियों को गर्भ में मारना), घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा एवं उनके साथ होने वाले दुष्कर्म को रोकना और लोगों को बेटियों के प्रति जागरूक करना भी है।

 इसके अलावा भारत में राष्ट्रीय बेटी दिवस (Beti Day) मनाने का एक और बड़ा कारण लोगों को बेटियों को बचाने और उन्हे शिक्षित बनाने हेतु प्रयास करना है। और लोगों को यह बताना है कि बेटियां बोझ नहीं होती, उन्हे भी बेटों के बराबर अधिकार मिलना चाहिये। भारत में आज भी कुछ शहरी एवं ग्रामीण इलाकों तथा संस्कृतियों में बालिकाओं को बोझ के रूप में देखा जाता है। और बेटियों को कलंक समझा जाता हैं। ऐसे में यह उत्सव उन परंपराओं और कुविचारों को खत्म करने में मदद करता है। और ऐसे लोगों के लिए भी यह सबक का दिन है जो बच्चियों पर अपना दृष्टिकोण एक बोझ के रूप में बनाए हुए हैं। कुछ अविकसित देश तथा भारत में के कुछ जगहों पर अभी भी इन कुरीतियों और परंपराओं का पालन करते हैं।

 हालाँकि, यदि आपकी विचारधारा इस प्रकार की नहीं है तो आप इस उत्सव को एक क्लासिक उत्सव के रूप में देख सकते है। और यदि आपके घर में भी बेटी पैदा हुई है तो आप इस दिन को बच्ची के जीवन के लिए आभारी होने के अवसर के रूप में देख सकते हैं।