ओबीसी महासभा ने आबादी के अनुरूप समानुपातिक संवैधानिक प्रतिनिधित्व की मांग रखी

ओबीसी महासभा ने आबादी के अनुरूप समानुपातिक संवैधानिक प्रतिनिधित्व की मांग रखी
ओबीसी महासभा ने आबादी के अनुरूप समानुपातिक संवैधानिक प्रतिनिधित्व की मांग रखी

ओबीसी महासभा ने आबादी के अनुरूप समानुपातिक संवैधानिक प्रतिनिधित्व की मांग रखी

छ्त्तीसगढ़//रायपुर// प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम के मार्गदर्शन में ओबीसी महासभा जिला इकाई धमतरी छत्तीसगढ़ के द्वारा एसडीएम कार्यालय एसडीएम नगरी के माध्यम से महामहिम राज्यपाल महोदय छत्तीसगढ़ शासन रायपुर को एक ज्ञापन दिया गया। दूसरा ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति माननीय प्रधानमंत्री एवं माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग भारत सरकार नई दिल्ली एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली को ज्ञापन दिया गया। पहले ज्ञापन में ओबीसी समुदाय को आबादी के अनुरूप समानुपातिक संवैधानिक प्रतिनिधित्व आरक्षण प्रदान करने बाबत है । देश के संघीय संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार सामाजिक एवं शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े हुए समुदाय को अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में 3 वर्ग में वर्गीकृत किया गया है सामाजिक एवं शैक्षणिक स्थिति के आधार पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को समानता के अवसर उपलब्ध कराते हुए समुचित विकास एवं उत्थान की व्यवस्था किया गया है तदनुसार छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2 दिसंबर 2022 को छत्तीसगढ़ किया गया है। विधानसभा में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं सामान्य वर्ग ईडब्ल्यूएस को जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व आरक्षण प्रदान करने हेतु विधेयक पारित किया गया लेकिन 1931 के राष्ट्रीय जनगणना के अनुसार ओबीसी 52% तथा हाल ही में क्वांटिफाइबलडाटा से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर ओबीसी की आबादी लगभग 42% होने के बावजूद राज्य स्तर के पदों पर 27% का प्रावधान