आंगनबाड़ी के ठीक सामने नल जल का चेंबर खुला छोड़ दिया गया है जिसे आंगनबाड़ी में आने वाली नव निहालों की जान पर हमेशा खतरा बना रहता है जानिये आगे खबर में

आंगनबाड़ी के ठीक सामने नल जल का चेंबर खुला छोड़ दिया गया है जिसे आंगनबाड़ी में आने वाली  नव निहालों की जान पर हमेशा खतरा बना रहता है जानिये आगे खबर में
आंगनबाड़ी के ठीक सामने नल जल का चेंबर खुला छोड़ दिया गया है जिसे आंगनबाड़ी में आने वाली  नव निहालों की जान पर हमेशा खतरा बना रहता है जानिये आगे खबर में

आंगनबाड़ी के ठीक सामने नल जल का चेंबर खुला छोड़ दिया गया है जिसे आंगनबाड़ी में आने वाली नव निहालों की जान पर हमेशा खतरा बना रहता है जानिये आगे खबर में 

बालोद//जिले के गुंडरदेही ब्लाक के सिकोसा ग्राम पंचायत द्वारा अति व्यस्तम चौक बसस्टैंड के पास स्थित आंगनबाड़ी के ठीक सामने नलजल का चेंबर खुला छोड़ दिया गया है, जिससे आंगनबाड़ी में आने वाले नवनिहालों की जान पर हमेशा खतरा बना रहता है। प्रदेश में छोटे बच्चों को खुले बोर, मेनहोल,नल जल के खुले चेंबर को ढंकने के लिए सरकार ने सख्त निर्देश दिया है लेकिन ग्राम पंचायतों पर इसका रा भी असर दिखाई नहीं देता।यहां पर यह बताना जरुरी है कि जिस चेंबर को खुले में छोड़ दिया गया है उसके अंदर सड़े गले पदार्थ , पुरानी चप्पलें, पालिथीन पानी में तैरते दिखाई दे रहे हैं। जिस चेंबर में इतनी गंदी चीजें दिखाई दे रहीं हैं उसी चेंबर के वाल को खोलने से गांव के लोगों को पेयजल की सप्लाई होती है। गांव वालों के लिए पीने के पानी में इतनी बड़ी लापरवाही यह दर्शाता है कि पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा ग्राम के लोगों के जानमाल को लेकर कितनी बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। वैसे तो ग्राम पंचायत सिकोसा को आदर्श ग्राम पंचायत कहा जाता है लेकिन यह सिर्फ कागजों में ही ठीक लगता है यहां आदर्श कुछ भी नहीं है।आंगनबाड़ी के ठीक सामने इतनी बड़ी लापरवाही की पड़ताल करने पर आंगनबाड़ी क्रमांक 01 की कार्यकर्ता पंचबाई व सहायिका वसुंधरा ने बताया कि यह तो महीनों से ऐसे ही खुला पड़ा है। 

छोटे बच्चों के लिए तो ये बेहद ही खतरनाक है, वहीं आंगनबाड़ी क्रमांक 01में जिस कमरे में बैठाकर बधाों को पढ़ाया जा रहा है वहां पर सीलिंग में दो पंखे लगे हुए हैं लेकिन विगत 3 महीनों से दोनों पंखे बंद हैं छोटे-छोटे बधाों को गर्मी के दिनों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं अब भी उक्त दोनों पंखे बंद ही हैं जिसकी जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा अपने विभागीय अधिकारियों को बताए जाने की बात कही जा रही है बावजूद इसके 4 महीने बीत जाने के बाद भी उक्त आंगनबाड़ी में बधाों को उमस भरी गर्मी से राहत पहुंचाने के लिए कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाए गए हैं। 

जिम्मेदारों का यह है कहना 

सिकोसा सेक्टर की सुपरवाइजर नम्रता चंद्राकर ने बताया कि मेरा सेक्टर गुंडरदेही है। मैं अतिरिक्त प्रभार में सिकोसा देख रही थी। पिछले 2 महीनों से नई सुपरवाइजर आ चुकी है। वहीं नई सुपरवाइजर कोमल से पूछे जाने पर उक्त सभी मामलों पर अनभिज्ञता जाहिर की। सिकोसा ग्राम पंचायत के सरपंच आरोप चंद्राकर से पूछे जाने पर उनका कहना है वाल चेंबरो में ढ-न लगाया जाता है। असामाजिक तत्वों द्वारा ढ-न चोरी कर लिए जाने की घटना आए दिन होती रहती है। 

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