जिले में बारिश के चलते वायरल बुखार डायरिया और मलेरिया का खतरा तेजी से पसार रहा पाँव इधर जिला अस्पताल मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ साथ ओपीडी में 30 पीसदी बच्चे शामिल स्वास्थ विभाग द्वारा लगातार पूरे जिले में सतर्कता बरती जा रही है जिला मुख्यचिकत्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जे एल उइके लगातार ले रहे मानिटरिंग के साथ दिशा निर्देश

जिले में बारिश के चलते वायरल बुखार डायरिया और मलेरिया का खतरा तेजी से पसार रहा पाँव  इधर जिला अस्पताल मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ साथ ओपीडी में 30 पीसदी बच्चे शामिल  स्वास्थ विभाग द्वारा लगातार पूरे जिले में सतर्कता बरती जा रही है जिला मुख्यचिकत्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जे एल उइके लगातार ले रहे मानिटरिंग के साथ दिशा  निर्देश
जिले में बारिश के चलते वायरल बुखार डायरिया और मलेरिया का खतरा तेजी से पसार रहा पाँव  इधर जिला अस्पताल मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ साथ ओपीडी में 30 पीसदी बच्चे शामिल  स्वास्थ विभाग द्वारा लगातार पूरे जिले में सतर्कता बरती जा रही है जिला मुख्यचिकत्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जे एल उइके लगातार ले रहे मानिटरिंग के साथ दिशा  निर्देश

 

जिले में बारिश के चलते वायरल बुखार डायरिया और मलेरिया का खतरा तेजी से पसार रहा पाँव

इधर जिला अस्पताल मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ साथ ओपीडी में 30 पीसदी बच्चे शामिल

स्वास्थ विभाग द्वारा लगातार पूरे जिले में सतर्कता बरती जा रही है जिला मुख्यचिकत्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जे एल उइके लगातार ले रहे मानिटरिंग के साथ दिशा निर्देश,,

बालोद :- बारिश के कारण वायरल बुखार, डायरिया और मलेरिया का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।

 जिला अस्पताल में 50 दिनों में डायरिया के 51 मरीज भर्ती हो चुके हैं।

   अस्पतालों की ओपीडी में हर दसवां मरीज बुखार से पीडि़त पहुंच रहा है। इनमें 30 फीसदी बच्चे शामिल हैं। सर्दी, जुकाम और बुखार से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।

  ऐसे में छोटे बच्चों व वृद्धजनों के प्रति सावधानी बरतनी होगी।वर्तमान में जिला अस्पताल में भी ओपीडी में सबसे ज्यादा छोटे बच्चे व वृद्ध ही पहुंच रहे हैं।

  छोटे बच्चों में वायरल फीवर, सर्दी, खांसी के मामले को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन भी अलर्ट हो गया है।

   कई बच्चों में निमोनिया की भी शिकायत मिल रही है।जिला अस्पताल के मुताबिक इन दिनों अस्पताल में रोजाना डायरिया के मरीज आ रहे हैं।

  डायरिया गंदा पानी पीने व दूषित भोजन करने से होता है। ऐसे में लोगों को खानपान में सावधानी बरतना चाहिए।

  जिला अस्पताल से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक दो माह में अभी तक 51 डायरिया के मरीज जिला अस्पताल में आ चुके हैं।

 ओपीडी में मरीजों की संख्या पहुंची लगभग 400 

  जिला अस्पताल में प्रतिदिन ओपीडी में सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा मरीज आने लगे हैं।

  लगभग 400 से ज्यादा मरीज जांच के लिए आ रहे हैं। लगातार बुखार, उलटी-दस्त के मरीज मिलने पर चिकित्सकों ने लोगों को गर्म पानी पीने की सलाह दी है।

  छोटे बच्चों व वृद्ध लोगों पर ज्यादा ध्यान देने की बात कही है। रोज अस्पताल में लगभग 20 मरीज भर्ती हो रहे हैं, जिसमें से 3 से 5 मरीज छोटे बच्चे हैं।

  कई बच्चों को उपचार की सलाह देकर घर भेज रहे हैं, जो भर्ती करने लायक है, उन्हें ही भर्ती कर रहे हैं।

     जिला अस्पताल के वार्ड फुल

  जानकारों की माने तो बदलते मौसम की मार बच्चों पर पड़ रही है। छोटे बच्चों को सर्दी, खांसी, बुखार जैसी बीमारी है तो अनदेखी करने की जगह तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।

   कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच बच्चों का खास ध्यान रखना जरूरी है। वर्तमान में जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड सहित महिला, पुरुष व अन्य वार्ड भी मरीजों से फुल हो गए है।

  गंदे पानी से खुटेरी व जेवरतला के ग्रामीण हुए थे डायरिया से पीडि़त 

बारिश के दिनों में कुएं का पानी पीने से स्वास्थ्य विभाग मना कर रहा है। इसका कारण यह है कि तेज बारिश होने पर गंदा पानी कुएं में मिल जाता है। उसे पीने से लोग बीमार पड़ जाते हैं।

जिला मुख्यचिकत्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जे एल उइके ने बताया कि

लगातार जिले में सभी स्वास्थ केंद्रों ब्लाक एवम ग्रामीण स्तर पर लगातार जानकारी लेकर तत्काल स्वास्थ सुविधा मुहैया कराया जा रहा है और जनता को जानकारी भी दी जारी है कि बारिश में स्वास्थ के प्रति  खास करके बच्चों को के प्रति भी ऐतिहात बरतने को कहा जा रहा है।

    जिले में बीते माह खुंटेरी व जेवरतला रोड में गंदा पानी पीने से कई लोगों को डायरिया हो गया था।

   लोगों को अपने घरों व जल स्रोतों की साफ-सफाई एवं पानी उबालकर पीने की सलाह स्वास्थ्य विभाग दे रहा है।

रिपोर्ट खास :- अरुण उपाध्याय बालोद मो नम्बर :- 94255 72406