जिला मुख्यालय के राजहरा मार्ग में स्थित करोड़ो की लागत पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बनाया गया पुलिस आवासीय कालोनियां   अपने निर्माण के पाँच वर्ष बाद भी असुविधाओं से भरी पड़ी है, कैसे इन समस्याओं में भी निवारस्त है पुलिसकर्मी

 जिला मुख्यालय के राजहरा मार्ग में स्थित करोड़ो की लागत पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बनाया गया पुलिस आवासीय कालोनियां    अपने निर्माण के पाँच वर्ष बाद भी असुविधाओं से भरी पड़ी है, कैसे इन समस्याओं में भी निवारस्त है पुलिसकर्मी
 जिला मुख्यालय के राजहरा मार्ग में स्थित करोड़ो की लागत पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बनाया गया पुलिस आवासीय कालोनियां    अपने निर्माण के पाँच वर्ष बाद भी असुविधाओं से भरी पड़ी है, कैसे इन समस्याओं में भी निवारस्त है पुलिसकर्मी

 

 जिला मुख्यालय के राजहरा मार्ग में स्थित करोड़ो की लागत पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बनाया गया पुलिस आवासीय कालोनियां

  अपने निर्माण के पाँच वर्ष बाद भी असुविधाओं से भरी पड़ी है, कैसे इन समस्याओं में भी निवारस्त है पुलिसकर्मी

 बालोद :- जिला मुख्यालय के राजहरा मार्ग में स्थित करोड़ो की लागत पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बनाया गया पुलिस आवासीय कॉलोनियां अपने निर्माण के पांच साल बाद भी असुविधाओं से भरी पड़ी है।

   चार मंजिला बनाई गई आवासीय कॉलोनियों में 120 कर्मियों को मकान आवंटन तो जरूर किए गए हैं, लेकिन वहां रहने वाले पुलिसकर्मियों को एवं उनके परिवार के सदस्यों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

  गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य के चलते पुलिस आवास कालोनिया बरसात होते ही भवन में पानी सिपेज होने की समस्या उत्पन्न हो जाती है तो वहीं बरसाती पानी के बौछार के चलते ही भवन की दीवाल से सीमेंट का प्लास्टर उखड़ने लगा है।

 

 

  ■■ चार मंजिला कालोनी में चार से पांच वर्षों के बाद भी नही किया है लिफ्ट निर्माण ■■

  पुलिस आवासीय कालोनीया महज पांच वर्ष में ही भवन की स्थिति को देख कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि भवन निर्माण में गुणवत्ता का कितना ध्यान रखा गया है वहीं कॉलोनी में अभी भी अनेक सुविधापरक निर्माण कार्य आधा अधूरा है जिसके चलते कॉलोनी में निवासरत् पुलिसकर्मी तथा उनके परिवार को समस्याओं का सामना करते हुए मजबूरीवश निवास करना पड़ रहा है।

 

 

    बता दे कि वर्ष 2018-19 में पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन विभाग द्वारा ठेकेदार के माध्यम से करोड़ों रूपयों की लागत् से पुलिसकर्मियों के लिए 4 मंजिला 120 आवासीय कॉलोनी का निर्माण के दौरान लिफ्ट निर्माण के लिए स्थान छोड़ने के पश्चात् भी विगत् 5 वर्षों में अब तक लिफ्ट निर्माण की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है जो कि पुलिसकर्मियों के लिए जी का जंजाल बन गया है।

  लिफ्ट निर्माण के लिए छोड़े गए स्थानों में कभी कभी घर परिवार के बड़े बुजुर्ग एवं बच्चों के गिर जाने की आशंका बनी हुई है।

 आमलोगों की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों को अपने ही परिवार की असुरक्षा की भावना के साथ कार्य करना पड़ रहा है।

■■ घरों से निकलने वाली गंदा पानी की निकासी की नही किया गया समुचित व्यवस्था ■■

 

 

    कॉलोनी में अब तक वाहन पार्किंग तथा गार्डन निर्माण कार्य भी नहीं हो पाया है वहीं घरों से निकलने वाली गंदा तथा निस्तारी पानी निकासी की समुचित व्यवस्था भी नहीं किया गया है।

  आवासीय कॉलोनी निर्माण कार्य के लिए करोड़ो रूपए स्वीकृत होने के पश्चात् भी आधा अधूरा निर्माण कर पुलिसकर्मी एवं परिवार को खतरों के मध्य छोड़ दिया गया है।

 आमजनता की सुरक्षा के खातिर चौबिसों घंटे ड्यूटी बजाने वाले पुलिसकर्मियों को अपने ही विभाग की अनदेखी के चलते जर्जर आवास में असुरक्षा के मध्य अपने परिवार सहित निवास करना पड़ रहा है।

  समय से पहले ही जर्जर होने वाले आवासीय पुलिस कॉलोनी के साथ ही जिला मुख्यालय के पुराना बस स्टैण्ड के समीप लगभग 121 वर्ष पूर्व निर्मित पुलिस लाईन के जीर्णोद्धार की दिशा में भी कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

  विदित हो कि नगर में थाना स्थापना के पश्चात् 1903 में थाना भवन के समीप पुलिसकर्मियों के लिए खपरैल छत वाले 26 आवास बनाए गए थे जहां आज भी 121 वर्ष पुराने मकान में दो दर्जन पुलिसकर्मी अपने परिवार के साथ निवारसत् हैं।

  उक्त जर्जर आवास को तोड़कर नवीन भवन निर्माण की दिशा में भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

 पुलिसकर्मी स्वयं का रूपए खर्च कर जर्जर अवास में तिरपाल लगा कर अथवा मरम्मत कर निवास करने मजबूर हैं।

रिपोर्ट खास :- अरुण उपाध्याय बालोद

मो नम्बर :- 94255 72406