गिरदावरी कार्य में लापरवाही क्षम्य नहीं होगी- कलेक्टर..

गिरदावरी कार्य में लापरवाही क्षम्य नहीं होगी- कलेक्टर..

गिरदावरी कार्य में लापरवाही क्षम्य नहीं होगी- कलेक्टर।         बालोद:--

समर्थन मूल्य पर धान विक्रय हेतु 

किसानों का पंजीयन 31 अक्टूबर तक

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसान 

पंजीयन से संबंधित अमलों का प्रशिक्षण आयोजित

गिरदावरी कार्य में लापरवाही क्षम्य नहीं होगी- कलेक्टर

बालोद कलेक्टर जनमेजय महोबे ने कहा कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय हेतु किसानों का पंजीयन 17 अगस्त से शुरू हो गया है। किसान पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2020 तक निर्धारित की गई है। श्री महोबे आज संयुक्त जिला कार्यालय के स्वान कक्ष में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किसान पंजीयन से संबंधित अधिकारी, कर्मचारियों के प्रशिक्षण को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री ए.के.बाजपेयी, एस.डी.एम. बालोद श्रीमती सिल्ली थामस, जिला खाद्य अधिकारी श्री एच.एल.बंजारे सहित सहकारिता, मार्कफेड, कृषि, उद्यान आदि विभाग के अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर ने राजस्व विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्धारित तिथि तक शतप्रतिशत त्रुटिरहित गिरदावरी कार्य पूरा करें। गिरदावरी कार्य के दौरान शासन द्वारा दिए गए समस्त निर्देशों का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि वे स्वयं मौके पर पहुॅचकर गिरदावरी कार्य का निरीक्षण करेंगे। गिरदावरी कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।             बालोद:-- कलेक्टर महोबे ने कहा कि आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए किसान पंजीयन किए जाने के संबंध में राज्य शासन द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में धान खरीदी हेतु पंजीकृत किसानों को खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में भी धान खरीदी हेतु पंजीकृत माना जाएगा एवं इसके लिए विगत खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों की दर्जभूमि एवं धान के रकबे एवं खसरे को राजस्व विभाग द्वारा अद्यतन कर लिया जाए। यदि पंजीकृत किसान किसी कारण से पंजीयन में संशोधन करवाना चाहते हैं, तो समिति मॉड्यूल के माध्यम से यह संशोधन करने की व्यवस्था प्रदान की जाएगी। 

कलेक्टर ने कहा कि विगत वर्ष 2019-20 में जिन किसानों ने पंजीयन नहीं करवाया था, किंतु इस वर्ष जो धान विक्रय करने हेतु इच्छुक हैं, ऐसे नवीन किसानों का पंजीयन तहसील मॉडयूल के माध्यम से तहसीलदार द्वारा किया जाएगा। नए पंजीयन हेतु किसान द्वारा समिति से आवेदन प्राप्त कर और उसे भरकर संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में जमा किया जाना होगा। किसान पंजीयन हेतु किसान द्वारा बोये गए धान के वास्तविक रकबे की खसरावार जानकारी ली जाए। कलेक्टर ने कहा कि विधिक व्यक्तियों तथा ट्रस्ट, मण्डल, प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी, शाला विकास समिति, केन्द्र एवं राज्य शासन के संस्थान, महाविद्यालय आदि संस्थाओं द्वारा संस्था की भूमि को धान बोने के प्रायोजन हेतु यदि अन्य किसानों को लीज अथवा अन्य माध्यम से प्रदाय किया गया है, तो संस्था की कुल धारित भूमि के अधीन, वास्तविक खेती करने वाले जोतदार किसान, लीज धारक का पंजीयन किया जाएगा एवं समर्थन मूल्य की राशि इन किसानों के खाते में भुगतान किया जाएगा। 

कलेक्टर ने कहा कि धान विक्रय से पूर्व पंजीकृत किसान की मृत्यु हो जाने पर तहसीलदार के द्वारा परिवार के नामांकित व्यक्ति के नाम से धान खरीदी की जा सकेगी। सीमांत तथा लघु किसान होने के आधार पर जिन लोगों ने प्राथमिकता राशन कार्ड प्राप्त किया है, किंतु ऐसे सीमांत किसान जो 37.5 क्विंटल एवं ऐसे लघु किसान जो 75 क्विंटल से अधिक मात्रा का समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करेंगे, उन्हें चिन्हांकित कर उनके राशन कार्ड को निरस्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह प्रावधान किसान की स्वयं धारित भूमि पर लागू होगा अर्थात यदि किसी लघु सीमांत किसान ने अधिया/ रेघा/लीज से प्राप्त भूमि की उपज भी समर्थन मूल्य पर विक्रय किया है, तब राशनकार्ड निरस्त नहीं होगा।