केन्द्र सरकार की खुली पोल- विधायक कुंवर सिंह निषाद

आर के देवांगन

केन्द्र सरकार की खुली पोल- विधायक कुंवर सिंह निषाद
केन्द्र सरकार की खुली पोल- विधायक कुंवर सिंह निषाद

केन्द्र सरकार की खुली पोल- विधायक कुंवर सिंह निषाद

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में रद्द

गुण्डरदेही। क्षेत्रीय विधायक कुंवर सिंह निषाद, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भोजराज साहू, पूर्व अध्यक्ष संजय साहू, सलीम खान, पूर्व नपं अध्यक्ष के.के. राजु चन्द्राकर आदि नेताओं ने ईडी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए केन्द्र सरकार ने इस्तेमाल किया. कथित शराब घोटाले से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने विपक्षी दलों को निशाना बनाने के लिए ईडी का इस्तेमाल करने के लिए केंद्र की पोल खोल दी है.सुप्रीम कोर्ट ने 2,000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ धन शोधन का मामला सोमवार को खारिज कर दिया।

कांग्रेसियों ने ईडी पर साधा निशाना- कांग्रेसियों ने कहा कि ईडी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को बदनाम करने और बीजेपी को राजनीतिक हथियार देने के लिए 2023 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कथित शराब घोटाले में मामला दर्ज किया. ईडी जैसी एजेंसियों की प्रतिबद्धता संविधान के प्रति होनी चाहिए, न कि किसी राजनीतिक दल के प्रति. ईडी का शर्मनाक राजनीतिक दुरुपयोग साबित हो गया है और मोदी सरकार का पर्दाफाश हो गया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साबित कर दिया है कि बीजेपी के इशारे पर ईडी हर मामले को मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनाकर विपक्षी दलों को बदनाम करने की साजिश कर रहा है. भूपेश बघेल, पूर्व सीएम छग कांग्रेसियों ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी केवल झूठ फैला रही है. लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग करके अपने राजनीतिक विरोधियों को बदनाम करने के बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की साजिश का पर्दाफाश हो गया है.

जनता देखेगी कि बचाव के लिए दर्ज मामलों को खारिज कर दिया गया है.

क्या है मामला ?

पिछले साल जुलाई में, ईडी ने रायपुर की धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में कथित शराब घोटाला मामले में अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र) दायर किया था, जिसमें दावा किया था कि कथित ‘शराब घोटाला में 2161 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ. ईडी ने दावा किया कि अनिल टुटेजा और उद्योगपति अनवर ढेबर के नेतृत्व वाले एक आपराधिक सिंडिकेट ने बड़ा घोटाला किया है . इस गिरोह में राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह, राजनेता, उनके सहयोगी और आबकारी विभाग के अधिकारी शामिल हैं. इस साल की शुरुआत में छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भी कथित शराब घोटाले में 70 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.एसीबी-ईओडब्ल्यू ने पिछले सप्ताह अनवर ढेबर और भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी अरविंद सिंह को कथित घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाला केस में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईएएस और उनके बेटे के खिलाफ चल रहे मनी लॉन्डिंग के केस को खारिज कर दिया है. बीते दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ईडी को कहा था कि ये कोई घातीय अपराध नहीं है. अपराध से कोई ाय नहीं हुआ है तो फिर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता है. छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाला केस में बड़ा फैसला जज अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा, संज्ञान लेने से पहले, विशेष अदालत को इस सवाल पर अपना दिमाग लगाना होगा कि क्या प्रथम दृष्टया धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत अपराध बनता है. अगर उसका मानना है कि पीएमएलए की धारा 3 के तहत कोई प्रथम दृष्टया अपराध नहीं बनता है, तो वह सीआरपीसी की धारा 203 के तहत शक्तियों का प्रयोग कर सकता है.

शिकायत को खारिज कर सकता है. यदि प्रथम दृष्टया मामला बनता है तो वह धारा 204 का सहारा ले सकता है सीआरपीसी के तहत”. जज ने सुनाया आदेश न्यायमूर्ति ओका ने आदेश सुनाते हुए कहा, “इस मामले में अपराध अस्तित्व में नहीं है इसलिए अपराध की कार्यवाही नहीं की जा सकती है. लिहाजा यह निष्कर्ष निकलता है कि पीएमएलए की धारा 3 के तहत कोई अपराध नहीं हो सकता।

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