मान्यता नरवा विकास कार्य से ग्रामीणों को मिल रही सिंचाई की सुविधा, परसवानी नाला से 436 हेक्टेयर खेतों में हो रही सिचांई

मान्यता नरवा विकास कार्य से ग्रामीणों को मिल रही सिंचाई की सुविधा, परसवानी नाला से 436 हेक्टेयर खेतों में हो रही सिचांई
मान्यता नरवा विकास कार्य से ग्रामीणों को मिल रही सिंचाई की सुविधा, परसवानी नाला से 436 हेक्टेयर खेतों में हो रही सिचांई

मान्यता नरवा विकास कार्य से ग्रामीणों को मिल रही सिंचाई की सुविधा, परसवानी नाला से 436 हेक्टेयर खेतों में हो रही सिचांई

बालोद- राज्य शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना के अन्तगर्त जिले में नरवा विकास के कार्य से ग्रामीणों को सिंचाई की सुविधा मिल रही है। नरवा विकास के कायर् के अंतगर्त गुण्डरदेही विकासखण्ड के परसवानी नाला का चयन किया गया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि परसवानी नाला डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के ग्राम घीना से प्रारंभ होकर गुण्डरदेही विकासखण्ड के ग्राम परसवानी में प्रवेश करते हुए ग्राम सिकोला में तान्दुला नदी में समाहित होता हैं। परसवानी नाले की कुल लम्बाई 25.80 किलोमीटर है, जिसमें 21.80 किलोमीटर गुण्डरदेही विकासखण्ड में आता हैं। परसवानी नाला क्षेत्र में ग्राम परसवानी, परसतराई, बोरगहन, अजुर्नी टिकरी, झींका, खपरी, कान्दूल, रौना, देवगहन एवं सिकोला शामिल हैं। परसवानी नाला में उपचार हेतु महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मद से स्वीकृत राशि से 107 संरचनाओं का निमार्ण कायर् पूर्ण किया गया है, जिसमें मिट्टी का कटाव रोकने, जल स्तर में वृद्धि तथा ग्रामीणों के आजीविका हेतु ब्रशवुड, वृक्षारोपण कायर्, रिजाचर् पिट निमार्ण, फामर् बंडिग कायर्, नाला गहरीकरण, कच्ची नाली निमार्ण आदि कायर् कराया गया है। परसवानी नाला के निकट लगभग 436 किसानों का जमीन है, जिसमें खेती एवं अन्य कार्य करते है। इस नाला में विभिन्न संरचना बनने से हुए जलभराव का उपयोग लगभग 436 हेक्टेयर खेतों में पम्पिंग के माध्यम से सिंचाई किया जा रहा है