गुण्डरदेही विधायक जी का बहीखाता : गुण्डरदेही विधायक और छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव विकास कार्यों का कर रहे दावा, विपक्ष मूलभूत समस्याओं की कमी की दे रहे दुहाई, जानिए गुंडरदेही

गुण्डरदेही विधायक जी का बहीखाता : गुण्डरदेही विधायक और छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव विकास कार्यों का कर रहे दावा, विपक्ष मूलभूत समस्याओं की कमी की दे रहे दुहाई, जानिए गुंडरदेही
गुण्डरदेही विधायक जी का बहीखाता : गुण्डरदेही विधायक और छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव विकास कार्यों का कर रहे दावा, विपक्ष मूलभूत समस्याओं की कमी की दे रहे दुहाई, जानिए गुंडरदेही
गुण्डरदेही विधायक जी का बहीखाता : गुण्डरदेही विधायक और छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव विकास कार्यों का कर रहे दावा, विपक्ष मूलभूत समस्याओं की कमी की दे रहे दुहाई, जानिए गुंडरदेही

गुण्डरदेही विधायक जी का बहीखाता : गुण्डरदेही विधायक और छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव विकास कार्यों का कर रहे दावा, विपक्ष मूलभूत समस्याओं की कमी की दे रहे दुहाई, जानिए गुंडरदेही की जनता किसके साथ है खड़ी…

गुंडरदेही// विधायक जी की बहीखाता में आज हम बात करेंगे जिला बालोद के गुंडरदेही विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 61 की. यहां से कांग्रेस पार्टी के कुंवर सिंह निषाद विधायक और छत्तीसगढ़ शासन में संसदीय सचिव है. राजनांदगांव, दुर्ग और धमतरी जिला से विधानसभा क्षेत्र लगा हुआ है। वीवीआईपी जिलों से लगे होने की वजह से विधानसभा पर कई दिग्गज नेताओं की नजरें टिकी रहती हैं। विधानसभा का इतिहास बात करें वोटरों की तो यहां पर कुल 235513 मतदाता हैं, जिसमें 117977 पुरुष, 117529 महिला मतदाता और 7 थर्ड जेंडर मतदाता है. इनमें से 96% हिंदू, 2% मुस्लिम, 1% क्रिश्चिन और 1% अन्य में आते हैं. वहीं जातिगत आंकड़ों की बात जाये तो यहाँ सबसे ज्यादा 52% ओबीसी, 30% एससी, 8% एसटी और 6% जनरल हैं। चुनाव में ओबीसी और एससी समाज के मतदाता चुनाव का गणित बनाने-बिगाड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है। कांग्रेस का बन गया गढ़ छत्तीसगढ़ बनने के बाद 2003 से 2018 तक हुए विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो 2018 में कुंवर सिंह निषाद ने 110,369 मत हासिल किए थे, वहीं भाजपा के दीपक साहू को 54,975 मत मिले थे. इस तरह से 55,394 मतों के अंतर से कुंवर सिंह ने जीत हासिल की थी। 2013 में कांग्रेस से राजेंद्र कुमार राय ने 72,770 मत हासिल किए थे, वहीं भाजपा के विरेंद्र कुमार साहू को 51,490 को मत मिले थे, इस तरह से राजेंद्र कुमार ने 21,280 मतों से जीत हासिल की थी। इसके पहले 2008 में हुए चुनाव में भाजपा के विरेंद्र कुमार साहू और 2003 में भाजपा की रामशीला साहू ने जीत हासिल की थी। विधायक का विकास का दावा - कुंवर सिंह निषाद का दावा है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में क्षेत्र के लिए बहुत से विकास कार्य किए हैं. विधानसभा क्षेत्र में कृषि महाविद्यालय, रोड़ जेवरतला में शासकीय महाविद्यालय के अलावा प्रयास स्कूल की स्वीकृति के साथ बजट स्वीकृत कराया है।

विधानसभा में 6 अंग्रेजी मीडियम स्वामी आत्मानंद स्कूल खुले, वहीं अर्जुन्दा, देवरी, गुंडरदेही में स्वास्थ्य सुविधा के लिए 108 दिलवाया है, इसके अलावा अधूरी सड़कों के निर्माण के लिए बजट स्वीकृति के अलावा खरखरा मोहन्दीपाट परियोजना में नहर लाइनिंग का कार्य स्वीकृत कराया है। आने वाले दिनों में केंद्रीय विद्यालय बनाने की योजना है, जिसके लिए ग्राम पैरी में जमीन देख ली गई है।

विपक्ष का आरोप - वहीं मुख्य विपक्षी दल भाजपा की माने तो गुण्डरदेही में विकास के जो कार्य भाजपा सरकार के 15 साल के कार्यकाल में हुए थे, वैसा काम मौजूदा सरकार के कार्यकाल में देखने नहीं मिल रहा। भाजपा का आरोप है कि क्षेत्र में कोई काम ही नहीं हुआ। स्कूल, सड़क, बिजली, पानी की बात हो या किसी भी क्षेत्र में काम हो, कहीं कुछ नहीं दिखता है ग्रामीण आज भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। हल्दी से पसौद मार्ग, इरा गुड़ा से भूतिपार खपरी, बटरेल से कुथरेल, बोदल सहित विभिन्न प्रमुख मार्ग आज भी बहुत जर्जर है। स्कूल भवन जर्जर हो चुके हैं, वहीं शिक्षकों की भी कमी है, आँगबाड़ी केंद जर्जर हैं, किसानों को सम्मान निधि नहीं मिल रही है, गोबर खरीदी योजना के तहत 12 से 15 जगह गोबर खरीदी हो रही है। जिला, जनपद और ग्राम पंचायतों से विधायक कमिशन लेने में मस्त है। वहीं क्षेत्र के युवा मतदाताओं का कहना है प्रदेश कांग्रेस सरकार की योजनाएं कागजों में सिमट गई है तथा मुख्यमंत्री की घोषणाएं भी पूरी नहीं हो रही है। किसानों का आरोप है कि सिंचाई के लिए पानी नहीं बहरहाल, संसदीय सचिव व विधायक कुंवर सिंह निषाद अपने विधानसभा क्षेत्र में तमाम विकास के दावे कर रहे हैं, वहीं कई जगहों की सड़कें जर्जर हैं, जिससे राहगीर को परेशानी उठानी पड़ती है।

स्थानीय निषाद समाज के लोग भी विधायक को सार्वजनिक तौर पर खरी खोटी सुनाने से नहीं चूक रहे। क्षेत्र के अन्य मतदाता भी अपने-अपने क्षेत्र में किए गए कार्यों को देखते हुए विधायक के कार्यकाल को मिलीजुली प्रतिक्रिया दे रहे है कहीं खुश है तो कहीं नाखुश। विधानसभा चुनाव के प्रमुख दावेदार - वर्तमान विधायक कुंवर सिंह निषाद, कांग्रेसी नेता केशव बंटी हरमुख भी कतार में लगे हैं। कांग्रेस से पूर्व जिलापंचायत सदस्य रहे एक नेता इस बार फिर अपनी दावेदारी बता रहे हैं। वहीं कई स्थानीय नेता भी यहां- वहां टिकट के लिए पदयात्रा कर रहे हैं। इन सभी के मध्य सर्वे में एक ऐसा नाम भी उभर कर आ रहा है जो राजनैतिक पंडितों के नींद हराम कर सकती है क्योंकि सर्वे में इन्हें आम मतदाताओं द्वारा दावेदार के रूप प्रस्तुत किया जा रहा है हालांकि जिनका नाम सामने आ रहा है वे अब तक विधानसभा चुनाव लड़ने के संबंध मुखर होकर स्थिति स्पष्ट नहीं की है वह नाम है जनपद पंचायत गुण्डरदेही क्षेत्र क्र. 7 की तेज तर्रार युवा नेत्री सुश्री सीमा संध्या बर्मन का जोकि जिला कांग्रेस कमेटी बालोद की संयुक्त महामंत्री है, सुश्री बर्मन साफसुथरी,संवेदनशील और दबंग छवि के लिए जानी जाती है, वे मुखर होकर क्षेत्र के लोगों के हितों की लड़ाई लड़ती है। सुश्री सीमा संध्या बर्मन को लोग नेता नहीं समाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपने बीच पाते है जो लोगों के साथ क्षेत्रवाद, जातिवाद का भेद समाप्त कर सभी के सुख दुःख में परिवार के सदस्य की तरह खड़ी रहती है वहीं उनके फैन फालोइंग की कल्पना यहीं से किया जा सकता है कि उन्हें उनके जनपद क्षेत्र के लोगों द्वारा अपने क्षेत्र की बेटी बताया जाता है।

वहीं सूत्रों की माने तो विधायक व संसदीय सचिव कुंवरसिंह निषाद की टिकट किसी कारण कटती है तो उनके स्थान पर कांग्रेस के शिर्ष नेतृत्व भी सुश्री सीमासंध्या बर्मन को अवसर दे कर कांग्रेस का गढ़ बचा सकती है। बीजेपी की बात की जाए तो वो भारतीय जनता पार्टी ही क्या जहां दावेदारों की बड़ी कतार न हो, भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक राजेन्द्र राय, पूर्व विधायक विरेन्द्र कुमार साहु, जिलापंचायत सदस्य पुष्पेंद्र चंद्राकर जैसे प्रमुख दावेदारों के अलावा दावेदारों की एक लम्बी कतार है जिसमें दावेदार के तौर पर क्षेत्रीय भाजपा संगठन के मंडल व जिला पदाधिकारी शामिल है।

बीजेपी-कांग्रेस में जहां टिकट के लिए घमासान मचना तय है। वहीं कांग्रेस से अलग होकर पिछली बार चुनावी मैदान में उतरने वाली जेसीसीजे और आम आदमी पार्टी भी गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र में अपनी जमीन तलाश करने में लगी हुई है। कुल मिलाकर गुण्डरदेही में सियासत का टॉप गेयर लग चुका है और हर कोई अपना एक्सीलेरेटर बढ़ा कर आगे निकल जाना चाहता है, और ये दौड़ पार्टी के अंदर और बाहर दोनों जगह चल रही है।