अब बस्तर के चप्पे-चप्पे में तीसरी आंख से होगी नक्सलियों पर नजर

अब बस्तर के चप्पे-चप्पे में तीसरी आंख से होगी नक्सलियों पर नजर

अब बस्तर के चप्पे-चप्पे में तीसरी आंख से होगी नक्सलियों पर नजर

नक्सल गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस ने नए सिरे से तैयारी की है। विशेष केंद्रीय सहायता मद से जिले के चारों ब्लॉक मुख्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। यह कैमरे चौराहों, हॉस्पिटल, बस स्टैंड, भीड़-भाड़ वाले इलाके ही नहीं, जंगल में बसे अंदरूनी गांवों के हाट-बाजारों में भी लग रहे हैं। इनके जरिए नक्सलियों के अर्बन नेटवर्क पर पुलिस थानों से नजर रखी जा सकेगी। इससे विपरीत हालात में फोर्स मौके पर जल्दी पहुंच सकेगी।
नक्सलियों की स्मॉल एक्शन टीम अक्सर गांव के हाट-बाजारों में फोर्स व ग्रामीणों पर हमले करती है। यहां उनकी गतिविधियां तेज होती हैं। वारदात की सूचना करीब थानों तक पहुंचने में काफी समय लग जाता है। तब तक हमलावर भाग चुके होते हैं। इसलिए कैमरे लगाने के लिए बाजारों को विशेष रूप से चुना गया है। जिला मुख्यालय में 18 कैमरे लगाए जा रहे हैं।

अन्य जगहों पर आवश्यकतानुसार इनकी संख्या होगी। इस पर काम शुरू हो चुका है। ऑटकिल फाइबर केबल (ओएफसी) के जरिए थानों में बैठे ऑपरेटर कैमरों से मॉनिटरिंग करेंगे। चौबीसों घंटे चालू रहने वाले इन कैमरों में इलाके की सारी गतिविधियां रिकार्ड होंगी। इनकी समीक्षा भी की जाएगी। यातायात व्यवस्था भी दुरुस्त करने में भी इनसे मदद मिलेगी। इससे लौह अयस्क और वन संपदा के तस्करों पर भी शिकंजा कसा जा सकेगा।

ऑटोमेटिक और स्थिर, दोनों कैमरे

ब्लॉक मुख्यालय में लगने वाले कैमरे ऑटोमेटिक और स्थिर दोनों होंगे। कुछ जगह स्थिर कैमरे से तस्वीरें कैद होंगी तो कुछ चौराहों पर विशेष डिग्री पर घूमने वाले कैमरे लगाए जा रहे हैं। कुआकोंडा, कटेकल्याण और गीदम ब्लॉक मुख्यालयों में भी कैमरे के लिए केबल लाइन खींच ली गई है। कुछ दिनों में कैमरे लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

विशेष केंद्रीय सहायता मद से उच्च क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे नगरीय क्षेत्रों में लगाए जा रहे हैं। इनसे नक्सलियों के शहरी सहयोगियों के साथ संदिग्धों पर नजर रखने में आसानी होगी। यातायात व्यवस्था को भी दुरुस्त करने में मदद मिलेगी।