देय तिथि से महँगाई भत्ता एवं सातवे वेतन पर गृहभाडा भत्ता आदेश जारी करे राज्य सरकार- फेडरेशन

देय तिथि से महँगाई भत्ता एवं सातवे वेतन पर गृहभाडा भत्ता आदेश जारी करे राज्य सरकार- फेडरेशन
देय तिथि से महँगाई भत्ता एवं सातवे वेतन पर गृहभाडा भत्ता आदेश जारी करे राज्य सरकार- फेडरेशन

देय तिथि से महँगाई भत्ता एवं सातवे वेतन पर गृहभाडा भत्ता आदेश जारी करे राज्य सरकार- फेडरेशन छत्तीसगढ़

प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं बालोद जिला अध्यक्ष राधेश्याम साहू का कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों को वर्तमान में 24 %,16 % एवं 8% गृहभाडा भत्ता (एच.आर.ए) देय है। महँगाई भत्ता(डी. ए.) दर 25 % से 50 % तक रहने के स्थिति में,सातवे वेतनमान में गृहभाडा भत्ता मूलवेतन का 27% ,18 % एवं 9% क्षेत्र के जनसँख्या वर्गीकरण अनुसार पात्रता होगा। सातवा वेतनमान 1/1/2016 से प्रभावशील है। लेकिन राज्य शासन के कर्मचारियों को आज पर्यन्त छटवे वेतनमान के मूलवेतन पर पुराना दर 10 % एवं 7% अनुसार मिल रहा है, जोकि न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने आगे बताया कि 1 जुलाई 2019 से 17% तथा 1 जुलाई 21 से एकमुश्त 11 % वृद्धि से कूल 28 % महँगाई भत्ता के स्वीकृति का आदेश केंद्र शासन का है। लेकिन राज्य के कर्मचारी-अधिकारियों को वर्तमान में 12 % महँगाई भत्ता मिल रहा है। मुख्यमंत्री के घोषणा अनुसार अब 1 जुलाई 2021 से 17 % डी.ए. मिलेगा। उन्होंने बताया की डी.ए. की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सँख्या (AICPIN) के आधार पर निर्धारित किया जाता है। जून 2021 के स्थिति में यह सँख्या 121.7 है। अतः 1 जुलाई 2021 के स्थिति में महँगाई भत्ता दर 31 % संभावित है। फिलहाल जिसका घोषणा केंद्र शासन ने नहीं किया है। उन्होंने बताया कि राज्य के विकास के सारथी कर्मचारियों को बड़ा आर्थिक क्षति एच.आर.ए. तथा डी.ए. की स्वीकृति देय तिथि से निर्धारित दर नहीं होने के कारण हो रहा है। 3 सितंबर 21 को कलम बंद- काम बंद हड़ताल के बाद मुख्यमंत्री से हुए वार्ता में देय तिथि से डी.ए. सहित 1 जुलाई 19 से 30 जून 2021 तक का एरियर्स जी.पी.एफ खाते में जमा करने तथा सातवे वेतन पर एच.आर.ए देने सहित अन्य लंबित मुद्दों पर सचिव स्तरीय समिति के गठन का प्रस्ताव दिया गया है। जिसपर सरकार को निर्णय लेना है। उन्होंने बताया कि 1जनवरी 2016 के स्थिति में 10% एच.आर.ए *ग्रेड-पे 1300* कर्मचारी का यदि छटवे मूलवेतन ₹ 10200 था,उसे ₹ 1020 मिला था,जोकि सातवे वेतन ₹ 26600 पर ₹ 2660 प्रतिमाह मिलना था। अथार्त 1 सितंबर 21 के स्थिति में 5 वर्ष 9 माह अथार्त 69 माह में ₹ 70380 मिला है जबकि ₹ 183540 मिलना था,नियुनतम ₹ 113160 आर्थिक क्षति हुआ है। वहीं प्रारंभिक वेतन पर जुलाई 19 से जून 21 तक 5 % पर ₹ 18720 तथा 1 जुलाई 21 से 31 अगस्त 21 तक 2 माह में 11% डी.ए. में ₹ 5312 आर्थिक क्षति हुआ है। *ग्रेड पे ₹ 1400* में उपरोक्त अनुक्रम में मूलवेतन ₹ 8910 पर मिला है ₹ 61479, मिलना था ₹ 158010 अंतर ₹ 96531,डी. ए. ₹ 19320 एवं ₹ 5472 ; *ग्रेड पे ₹ 1800 में* मिला है ₹77142 मिलना था ₹ 198720 अंतर ₹ 121578, ₹ 21600 एवं ₹ 6112 ; *ग्रेड पे ₹ 1900* में मिला है ₹ 62652, मिलना था ₹ 162840 अंतर ₹ 100168, ₹ 23400 ₹ 6624 ; *ग्रेड पे 2400* में मिला है ₹ 89562 मिलना था ₹ 235290 अंतर ₹ 145728, डी.ए. ₹ 30360 एवं ₹ 8608 *ग्रेड पे 2800* में मिला है ₹ 103086 मिलना था ₹ 264891अंतर ₹ 161805, डी. ए. ₹ 34440 एवं ₹ 13420 ; *ग्रेड पे ₹ 4200* में मिला है ₹ 142830 मिलना था ₹ 369840 अंतर ₹ 227010 , डी.ए. ₹ 42480 एवं ₹ 12032 *ग्रेड पे 4300* में मिला है ₹ 162081 मिलना था ₹ 420900 अंतर ₹ 258819, डी. ए. ₹ 45720 एवं ₹ 12928 ; *ग्रेड पे 5400* में मिला है ₹ 210726, मिलना था ₹ 552000 अंतर ₹ 341274, डी. ए.₹ 67230 एवं ₹ 19040 का भुगतान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा है कि सरकार को कर्मचारियों का हक देना चाहिये।