रेलवे स्टेशन से लगा कृषि जमीन को भूमाफियाओं द्वारा की जा रही अवैध प्लांटिंग इन माफियाओं का पालिका के अलग अलग क्षेत्रों में की जा रही अवैध प्लांटिंग

रेलवे स्टेशन से लगा कृषि जमीन को भूमाफियाओं द्वारा की जा रही अवैध प्लांटिंग  इन माफियाओं का पालिका के अलग अलग क्षेत्रों में की जा रही अवैध प्लांटिंग
रेलवे स्टेशन से लगा कृषि जमीन को भूमाफियाओं द्वारा की जा रही अवैध प्लांटिंग  इन माफियाओं का पालिका के अलग अलग क्षेत्रों में की जा रही अवैध प्लांटिंग

रेलवे स्टेशन से लगा कृषि जमीन को भूमाफियाओं द्वारा की जा रही अवैध प्लांटिंग इन माफियाओं का पालिका के अलग अलग क्षेत्रों में की जा रही अवैध प्लांटिंग

बालोद- शासन-प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 2 रेलवे स्टेशन से लगा लगभग एक एकड़ कृषि जमीन को भूमाफियाओ द्वारा धडल्ले से अवैध प्लांटिंग किया जा रहा है।इन भूमाफियाओं का बालोद नगर पालिका क्षेत्र के अलग अलग स्थानों में लगभग आधे दर्जन से अधिक कृषि जमीन पर अवैध प्लांटिंग करने की जानकारी सामने आ रही है। इसके साथ ही नगर सहित आस पास क्षेत्रो के खेत-खलिहान की आवासीय प्लाट के रूप में खरीदी-बिक्री हो रही है। स्थिति यह है कि नगर के आसपास रोज कहीं न कहीं कालोनी का नक्शा खींचा जा रहा है। नगर सहित आसपास के इलाकों में इन दिनों अवैध प्लाटिंग का कारोबार जोर-शोर से हो रहा है। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) को दरकिनार कर प्लाट बेचे जा रहे हैं। इसके चलते प्लाट खरीदने वाले लोग भविष्य में परेशानी में फंस सकते हैं।

 रेलवे स्टेशन से लगा कृषि जमीन पर की जा रही अवैध प्लांटिंग

 नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 2 में स्थित रेलवे स्टेशन से लगा कृषि जमीन को धड़ल्ले से अवैध प्लांटिंग का काम जोरो से चल रहा है।कृषि जमीन को भूमाफियाओं द्वारा समतलीकरण कर अलग अलग प्लांटिंग कर खम्बे भी गड़ा दिया है। भूमाफियाओं द्वारा अवैध प्लांटिंग की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है।भूमाफिया द्वारा खेत को प्लाटिंग करने के पहले कच्ची सड़क तैयार कर उसमें बकायदा मुरुम डाला गया ताकि ग्राहकों को अपने ओर आकर्षित करते हैं। इसके बाद भूमाफिया अपने तरीके से प्लाटिंग किया हैं। कृषि योग्य भूमि को प्लाट के रूप में विकसित कर खरीदी-बिक्री के लिए नियमानुसार डायवर्शन करना पड़ता है। एक से अधिक प्लाट काटने के बाद नियमानुसार कालोनाइजर एक्ट के तहत सभी फार्मेलिटी पूरी करने के बाद उसकी खरीदी -बिक्री होनी चाहिए, लेकिन बिना पंजीयन के ही न केवल आवासीय कालोनी डेवलप हो रही हैं बल्कि खेत-खलिहान की आवास के रूप में धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग भी हो रही है। 

नगर के कई कालोनियों में आज भी मूलभूत सुविधा से वंचित

 नगर में ऐसी कई कालोनियां हैं जिनके अवैध प्लाटिंग के मामले विभागों में लंबित है। एमपी़ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) के नियमानुसार किसी भी कालोनाइजर को जमीन की प्लाटिंग करने से पहले रेरा में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। इसके अलावा प्लाट बेचने से पहले वहां जन सुविधाओं से जुड़ी चीजें नाली, सड़क, बिजली व पानी का इंतजाम, सीवर, खेल मैदान आदि की सुविधा उपलब्ध कराएगा। नगर की कई कालोनियां आज भी इन मूलभूत सुविधा से वंचित हैं।

 अवैध प्लाटिंग पर कोई ठोस कदम नहीं 

जमीन दलालों के वायदे और झूठे कागजात के फेर में फंसकर जमीन व मकान खरीदने वाले लोगों को बाद में खामियाजा भुगतना पडता है। खबर है कि सैकडों लोग डायवर्सन व एनओसी के लिए महीनों से कलेक्ट्रेट व नगरपालिका दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। भूमाफियाओं के झांसे में आए लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरसना पड रहा है। इसके बावजूद जिला प्रशासन जिले में तेजी से बढ रहे अवैध प्लाटिंग के कारोबार को रोकने कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। यही वजह है कि कृषि भूमि पर तैयार हो रही इमारतों की अनुमति को लेकर कोई छानबीन नहीं की जा रही है।