सोने के दाम में आई तेजी, कोरोना की दूसरी लहर की आशंका से बाजार प्रभावित, यह है आगामी संभावना..

सोने के दाम में आई तेजी, कोरोना की दूसरी लहर की आशंका से बाजार प्रभावित, यह है आगामी संभावना..

सोने के दाम में आई तेजी, कोरोना की दूसरी लहर की आशंका से बाजार प्रभावित, यह है आगामी संभावना


सोने और चांदी के भाव मे सप्ताह के दौरान निचले स्तर से तेजी दर्ज की गई और सोना 300 रुपये प्रति दस ग्राम तक सप्ताह मेंं बढ़ कर 51,600 रुपये प्रति दस ग्राम पर रहा। चांदी के भाव मे इस दौरान हल्की तेजी रही और भाव 68,400 रुपये प्रति किलो के करीब रहे। दुनिया के कुछ देशों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने से फिर से लॉक डाउन की खबरें आ रही है जिससे कीमती धातुओं के भाव को समर्थन मिला है।

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद से सोने को समर्थन मिल रहा है। सप्ताह की शुरुआत में सोने में गिरावट दर्ज की गई, जिसकी मुख्य बजह मजबूत डॉलर ने सोने को दो सप्ताह के उच्च स्तर से वापस गिरा दिया। अमेरिकी बेरोजगारी के आकड़ों में सुधार से डॉलर को मजबूती मिली है। सप्ताह के अंत तक डॉलर मे ऊपरी स्तर पर दबाव बना और कीमती धातुओं के भाव मे तेजी का रुझान फिर से बना है। फेडरल रिजर्व ने घोषणा की है कि वह ब्याज दरों को शून्य के करीब रखेगा और जब तक मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत से अधिक नहीं हो जाती है ब्याज दरों को नहीं बढ़ाएगा। फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने यह भी कहा कि आर्थिक सुधार के लिए आगे का रास्ता अभी भी बहुत अनिश्चित है और कुछ समय के लिए आर्थिक गतिविधि कम रहने की उम्मीद है।

यह है अब संभावना : इस सप्ताह अक्टूबर वायदा सोने के भाव सीमित दायरे मेंं रह सकते हैं और इसमेंं 50,400 रुपये के निचले स्तर पर समर्थन तथा 52,300 रुपये के ऊपरी स्तर पर प्रतिरोध है। चांदी दिसंबर वायदा के भाव तेज रहने की संभावना है और इसमें 66,600 रुपये पर समर्थन और 70,000 रुपये पर प्रतिरोध है।

प्रमुख आंकड़े: इस सप्ताह अमेरिकी अर्थव्यवस्था से जारी होने वाले प्रमुख आंकड़े जिनमे, सोमवार को फेड अध्यक्ष पॉवेल का बयान, बुधवार को फ्लैश मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई, गुरुवार को बेरोज़गारी के दावे तथा शुक्रवार को कोर दूरेबल गुड्स आर्डर के आंकड़े प्रमुख है।

कोरोना ने बिगाड़ा बाजार का समीकरण

बैंक ऑफ जापान ने अपनी मौद्रिक नीति को स्थिर रखा और निवेशकों की नजर जापान के नवनिर्वाचित प्रधान मंत्री योशीहिदे सुगा के विचारोंं पर रही। कोविड-19 महामारी लगातार बढ़ रही है, जिससे वैश्विक आर्थिक माहौल में गिरावट आ रही है। संभावित टीके के वर्ष के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में उपलब्ध होने की संभावनाओ ने अन्य आर्थिक बाजार को कुछ राहत दी हैं।