खुद को भगवान विष्णु का अवतार कहने वाले पौंड्रक आखिर कौन है ? सुनिए संत रामबालक दास जी की जुबानी

खुद को भगवान विष्णु का अवतार कहने वाले पौंड्रक आखिर  कौन है  ? सुनिए संत रामबालक दास जी की जुबानी

ऑनलाइन सत्संग का आयोजन संत  राम बालक दास जी के द्वारा उनके विभिन्न वाट्सएप ग्रुपों में प्रतिदिन प्रातः 10:00 बजे आयोजित किया जाता है जिसमें सभी भक्तगण जुड़ते  हैं नवीन ज्ञान का उपार्जन होता है उनकी जिज्ञासाओं का समाधान होता है एवं, बाबा जी के मधुर मधुर भजनों से भी सभी आनंद प्राप्त करते हैं भक्त गणों के रामचरित की चौपाइयां एवं , भजन सब का मन मोह लेते हैं
         संत राम बालक दास जी के द्वारा उनके यूट्यूब चैनल Rambalakdas


पर प्रतिदिन बाबाजी की पाती भी संचालित कीया जाता है, यह अद्भुत ज्ञान से सुशोभित कार्यक्रम संत जी के द्वारा प्रतिदिन प्रसारित किया जाता है जिसमें   उन्होंने सभी को जागृत करते हुए कहा कि जीवन में उत्थान के लिए कुछ नियम जरुर अपनाना चाहिए। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सौच आदि से निवृत्त होकर पवित्र,साफ कपड़ा पहनकर मंदिर में जाकर या अपने घर पर पूजा स्थल पर अपने गुरु मंत्र, इष्ट देव जी का जप, स्मरण करना चाहिए।
           प्रतिदिन की भांति ही आज भी भक्तों की जिज्ञासाओं का समाधान, करते हुए कु,अपर्णा विश्वकर्मा की जिज्ञासा, की खुद को भगवान विष्णु का अवतार कहने वाले पौंड्रक कौन  थे ? अगर वे भगवान विष्णु के अवतार थे तो  उन्होंने भगवान श्री कृष्ण से युद्ध क्यो किया ?
      बाबा जी ने  बताया कि यह कथा श्रीमद् भागवत  और महाभारत में मिलता है पौंड्रक का जन्म निमी वंश में हुआ था वह निमी वंशि का राजा था, वह भगवान श्री कृष्ण से उनकी प्रभुता से जलता था और स्वयं को भी भगवान श्री कृष्ण की तरह भगवान सिद्ध करना चाहता था इसीलिए उन्हीं की तरह मोर मुकुट धारण करता था और उसने नकली हाथ भी बनवा कर अपने को चतुर्भुज सिद्ध करने के लिए विष्णु का रूप भी धारण कर लिया लेकिन जब वह प्रजा के समक्ष अपना आतंक फैला कर उनसे अपनी पूजा कराना चाहता था  ऋषि-मुनियों ने भी उसे बहुत समझाया तब उसने श्री कृष्ण से युद्ध करने का निर्णय लिया और अंत में श्री कृष्ण जी ने उसका वध किया और उसके आतंक से प्रजा  को मुक्त कराया
 इस प्रकार आज का ऑनलाइन सत्संग संपन्न हुआ

रिपोर्ट //नरेंद्र विश्वकर्मा