भक्ति से बड़ा कोई फलदायक नही ज्ञान विज्ञान से भी बड़ी है भक्ति,, संत रामबालक दास जी

भक्ति से बड़ा कोई फलदायक नही ज्ञान विज्ञान से भी बड़ी है भक्ति,, संत रामबालक दास जी

श्री पाटेश्वर धाम में एक महीने की शिवपुराण कथा एवम भागवत कथा का 10 वां दिन

 
 
भक्ति से बड़ा कोई फलदायक नही ज्ञान विज्ञान से भी बड़ी है भक्ति,, संत रामबालक दास जी

,, 19 जुलाई से लेकर 16 अगस्त तक श्री पाटेश्वरधाम में आयोजित एक महीने की शिवपुराण कथा में आज छत्तीसगढ़ के प्रखर संत राम बालक दास जी ने कथा के 10 वें दिन शिव पुराण के रूद्र संहीता के सती खंड में भगवान शिव द्वारा माता सती को दिए गए उपदेश का वर्णन किया जहां पर भगवान शिव ने माता सती को नवधा भक्ति का उपदेश दिया है भगवान शिव कहते हैं श्रवण करना कीर्तन करना सेवन करना साधन एवं साधन के साथ ही परमात्मा के प्रति समर्पण भाव होना नवधा भक्ति के लक्षण है आज श्री रामचरितमानस के पाठ में बहुत ही सुंदर लक्ष्मण एवं परशुराम संवाद की कथा संपन्न हुई संत श्री ने बताया कि भगवान शिव ने परशुराम को दो धनुष दिए थे पहला पिनाक और दूसरा सारंग पहला धनुष दधीचि ऋषि की नासिका से बना था जो श्वास लेता था जिसे परशुराम जी ने जनक जी के यहां स्थापित किया शिवजी ने परशुराम से कहा था कि पिनाक धनुष को त्रेता में राम जी तोड़कर दधीचि ऋषि का उद्धार करेंगे और सारंग धनुष आप उन्हें प्रदान कर देना जिससे वे रावण का संहार करेंगे इसी हेतु रामजी ने धनुष भंग किया और परशुराम जी ने सारंग धनुष उन्हें देकर तपस्या के लिए प्रस्थान किया

        इन सभी कार्यक्रम को पाटेश्वर धाम के यूट्यूब चैनल Rambalakdasपर आप रोज शाम 6:00 से रात्रि 8:00 तक श्रवण कर सकते हैं ,, ज्ञात हो कि पुरुषोत्तम माह के अवसर पर बालोद जिला के प्रसिद्ध तीर्थ श्री पटेश्वरधाम में अभी एक महीने का अनुष्ठान चल रहा है जिसके अंतर्गत सुबह 6 बजे से महारुद्राभिषेक , 9 बजे से 10 बजे ऑनलाइन भागवत कथा का प्रसारण , सुबह 11 बजे से 1 बजे तक रामचरित मानस पाठ एवम शाम 3 बजे से 6 बजे तक शिवमहापुराण की कथा हो रही है कथा का वाचन स्वयं श्री राम बालक दास जी कर रहे है