,, निरोगी रहने के लिए योग एवं प्राणायाम की शिक्षा देता है श्रीमद् भागवत कथा,,संत राम बालक दास जी ,,
, श्री जामडी पाटेश्वर धाम में चल रही 30 दिवसीय रामकथा , भागवत कथा एवं शिव महापुराण कथा ,आज 11 वां दिन ,,
,, निरोगी रहने के लिए योग एवं प्राणायाम की शिक्षा देता है श्रीमद् भागवत कथा,,संत राम बालक दास जी ,,
बालोद जिला के प्रसिद्ध तीर्थ श्री जामडी पाटेश्वर धाम जो कि डौंडीलोहारा तहसील मुख्यालय से 20 किलोमीटर घनघोर जंगल में स्थित है प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इस स्थान में आने से ही मन प्रकृति और ईश्वर की ओर आकर्षित होने लगता है ऐसे तपोभूमि में इस समय पुरुषोत्तम मास के अवसर पर एक महीने का अनुष्ठान चल रहा है जिसके अंतर्गत सुबह 6:00 से महा रुद्राभिषेक सुबह 9:00 बजे से श्रीमद् भागवत कथा एवं 11:00 बजे से श्री रामचरितमानस पाठ और दोपहर 2:00 से संध्या 5:00 तक श्री शिव महापुराण की कथा चल रही है ,,
इस कथा का वाचन छत्तीसगढ़ के प्रखर वक्ता संत श्री राम बालक दास महात्यागी जी कर रहे हैं आज श्रीमद् भागवत की कथा के अंतर्गत कपिल मुनि के द्वारा माता देवहूति को दिए गए उपदेश पर चर्चा करते हुए संत श्री ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यम , नियम , आसन , प्राणायाम , प्रत्याहार , धारणा , ध्यान और समाधि यह 8 योग के अंग है इनका पालन जो करता है वह कर्म इंद्रियों को नियंत्रित करके संसार में सुख पूर्वक जीवन जीता है इसमें विशेष महत्व का प्राणायाम होता है हमारे शरीर में 72000 नाडीयों में प्राणवायु बहती है इसी को ठीक से संचालित करने के लिए प्राणायाम जरूरी है पहले श्वास को फेफड़ों में भरना फिर उसको रोक कर रखना और फिर धीरे-धीरे उसे बाहर करना यही प्राणायाम है केवल प्राणायाम को भी व्यक्ति यदि रोज करता है तो उसके शरीर में बात , कफ़ , पित्त , यह तीनों तरह की समस्याओं का अंत हो जाता है संत श्री ने बताया कि इन कार्यक्रमों को आप पाटेश्वर धाम के यूट्यूब चैनल Rambalakdas पर प्रतिदिन संध्या 6:00 से 8:00 बजे के बीच लाइव भी देख सकते हैं
रिपोर्ट // नरेंद्र विश्वकर्मा